Kabhi Purush Ke Liye Bhi Kuch Bolo
स्त्री की तारीफ कीजिये, उस में कोई शक नहीं है.. “क्योंकि” वह खुद का घर छोड़ कर आती है.. पर कभी पुरुष के लिए “भी” दो शब्द बोला करो, जो अनजान स्त्री को, खुद का घर सौप देता है…
स्त्री की तारीफ कीजिये, उस में कोई शक नहीं है.. “क्योंकि” वह खुद का घर छोड़ कर आती है.. पर कभी पुरुष के लिए “भी” दो शब्द बोला करो, जो अनजान स्त्री को, खुद का घर सौप देता है…
हेलमेट पुलिस वालो से बचने के लिए नहीं बल्कि, अपने घरवालों से दोबारा मिलने के लिए पहनिए…
यह मंदिर-मस्जिद भी क्या गजब की जगह है दोस्तों, जहाँ गरीब बाहर और अमीर अंदर ‘भीख’मांगता है.. विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..!
माझ्या सर्व मुस्लिम बांधवाना बकरी ईद च्या मनापासून हार्दिक शुभेच्छा.. अल्लाह ताला आपकी जिंदगी की हर ख्वाईश, हर तमन्ना, हर आरजू, हर ख़ुशी, पुरी कराये… आमीन! ईद मुबारक!