पलकों की नमी में छुपा कर सपनो को,
हमने उन्हें जाने की इजाज़त दे दी,
हम टूट कर बिखर गए टुकड़ों में,
और उन्हें मुस्कुराने की इजाज़त दे दी…
पलकों की नमी में छुपा कर सपनो को,
हमने उन्हें जाने की इजाज़त दे दी,
हम टूट कर बिखर गए टुकड़ों में,
और उन्हें मुस्कुराने की इजाज़त दे दी…