पत्थर की है दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में है क्या वो बात नहीं समझती,
तनहा तो चाँद भी है सितारों के बीच मगर,
चाँद का दर्द कमबख्त रात नहीं समझती…
पत्थर की है दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में है क्या वो बात नहीं समझती,
तनहा तो चाँद भी है सितारों के बीच मगर,
चाँद का दर्द कमबख्त रात नहीं समझती…