Aai Babancha Gheun Aashirwad
आई- बाबांचा घेऊन आशीर्वाद, वधू शोधण्यास करतो सुरुवात!!!!
आई- बाबांचा घेऊन आशीर्वाद, वधू शोधण्यास करतो सुरुवात!!!!
एक बार जरूर पढे और अगर अच्छा लगे तो शेयर करे- एक छोटी बच्ची अपने पापा के साथ जा रही थी, एक पुल पर पानी बहुत तेजी से बह रहा था, पापा: बेटा डरो मत मेरा हाथ पकड लो.. बच्ची: नही पापा आप मेरा हाथ पकड लो.. पापा (मुस्कुरा कर बोले): दोनो मे क्या अंतर है? बच्ची: अगर मैं आपका हाथ पकड़ू और अचानक कुछ हो जाये तो शायद मैं आपका हाथ छोड दु, लेकिन अगर आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो मैं जानती हूँ, के चाहे कुछ भी हो जाये “आप मेरा हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे… “आज भी बच्चे हाथ छोड़ देते है, माँ-बाप नहीं” …
जो अमृत पिते है उन्हे देव कहते है, और जो विष पिते है उन्हे, देवो के देव “महादेव” कहते है…! भोलेनाथ आपकी सारी मनोकामनाये पूर्ण करे… आप को और आप के परिवार को, महाशिवरात्री कि हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाये! Jo Amrut Pite Hai Unhe Dev Kehte Hai, Aur Jo Vish Pite Hai Unhe, Devo Ke Dev “Mahadev” Kehte Hai… Bholenath Aapki Saari Manokamnaye Purna Kare… Aap Ko Aur Aap Ke Parivaar Ko, Mahashivratri Ki Hardik Badhai Aivam Shubhkamnaye!! Mahashivratri Ki Shubhkamnaye Shivratri Ki Hardik Badhai Status
गैरसमजूतीचा फक्त “एकच क्षण” खूप “धोकादायक” ठरू शकतो कारण, “काही मिनिटांमध्येच” आपण “एकत्र घालवलेल्या” “शंभर सुखाच्या क्षणाचा” “तो विसर पाडतो”….! म्हणून “गैरसमज टाळा” जर प्रत्येकाने आपला विचार करताना, दुसऱ्यांच्या मानाचा व मनाचा विचार केला तर, नात्यात किंवा मैत्रीत कधीच दुरावा किंवा वाईटपणा येणार नाही…