Kuch Aisa Rishta Ban Gaya Hai Tujhse
तुझसे ही हर सुबह हो मेरी, तुझसे ही हर शाम, कुछ ऐसा रिश्ता बन गया है तुझसे, की हर सासों में सिर्फ तेरा ही नाम…
तुझसे ही हर सुबह हो मेरी, तुझसे ही हर शाम, कुछ ऐसा रिश्ता बन गया है तुझसे, की हर सासों में सिर्फ तेरा ही नाम…
तेरा इंतज़ार मुझे हर पल रहता है, हर लम्हा मुझे तेरा एहसास रहता है, तुझ बिन धड़कने रुक सी जाती है, की तू मेरे दिल में मेरी धड़कन बनके रहता है…
दोस्ती एक दिल का नाता है, जो बड़ी इबादत से निभाया जाता है, इसमें दूरिया भी हो तो कोई गम नहीं दोस्त, क्योंकि दोस्तों को दिल मे बसाया जाता है…
ठुकराकर उसने मुझे कहा की मुस्कुराओ, मैंने मुस्कुरा दिया, आखिर सवाल उसकी ख़ुशी का था, मैंने खोया वह जो मेरा नहीं था, मगर उसने खोया वह जो उसी का था…