बचपन के आठ साल तुझे अंगुली पकड़कर,
जो माँ- बाप स्कूल जाते थे,
उस माँ-बाप को,
बुढ़ापे के आठ साल सहारा बनकर मंदिर ले जाना..
शायद थोड़ा सा तेरा कर्ज, थोड़ा सा तेरा फर्ज पूरा होगा!
बचपन के आठ साल तुझे अंगुली पकड़कर,
जो माँ- बाप स्कूल जाते थे,
उस माँ-बाप को,
बुढ़ापे के आठ साल सहारा बनकर मंदिर ले जाना..
शायद थोड़ा सा तेरा कर्ज, थोड़ा सा तेरा फर्ज पूरा होगा!