कभी हँसी तो कभी अनुशासन है पिता,
कभी मौन तो कभी भाषण है पिता,
माँ अगर घर में रसोई है,
तो चलता है जिससे घर वो राशन है पिता…
कभी हँसी तो कभी अनुशासन है पिता,
कभी मौन तो कभी भाषण है पिता,
माँ अगर घर में रसोई है,
तो चलता है जिससे घर वो राशन है पिता…