Ajeeb Julm Huye Hai Mohbbat Par
अजीब जुल्म हुए है दुनिया में मोहब्बत पर, जिन्हें मिलीं उन्हें कदर नहीं और, जिन्हें कदर थी उन्हें मिलीं नहीं…
अजीब जुल्म हुए है दुनिया में मोहब्बत पर, जिन्हें मिलीं उन्हें कदर नहीं और, जिन्हें कदर थी उन्हें मिलीं नहीं…
मत पूछना खफा होने का सबब मुझसे, कैसे-कैसे खेले है किस्मत ने खेल मुझसे, अब कैसे छिपाऊँ अश्क इन आँखों में, क्या बताऊ अब क्या छूट गया है मुझसे…
इरादा क़त्ल का था तो, मेरा सर कलम कर देते, क्यों इश्क में डालकर तूने, हर साँस पर मौत लिख दी…
कितने वर्षो का सफर खाक हुआ… उसने जब पूछा, “कहो कैसे आना हुआ…?”