Mat Raho Khafa Zindagi Se
मत फेंक पानी मे पत्थर, उसे भी कोई पिता है, मत रहो खफा जिंदगी से, तुम्हे देखकर भी कोई जीता है…
मत फेंक पानी मे पत्थर, उसे भी कोई पिता है, मत रहो खफा जिंदगी से, तुम्हे देखकर भी कोई जीता है…
अधुरा अनसुना ही रह गया प्यार का किस्सा, कभी तुम सुन ना सके, कभी मै कह ना पाया…
हर एक मुस्कुराहट मुस्कान नही होती, नफरत हो या मोहब्बत आसान नही होती, आँसू गम के और खुशी के एक जैसे होते है, इनकी पहचान आसान नही होती…
तू मुझमे पहले भी था, तू मुझमे अब भी है, पहले तू मेरे लफ्जो मे था, अब तू मेरी खामोशियों मे है…