Khamoshi Koi Samjhe To
भीगी आँखों से मुस्कुराने मे मज़ा और है, हँसते हँसते पलके भिगाने मे मज़ा और है, बात कहके तो कोई भी समझ लेता है पर, ख़ामोशी कोई समझे तो मज़ा और है…
भीगी आँखों से मुस्कुराने मे मज़ा और है, हँसते हँसते पलके भिगाने मे मज़ा और है, बात कहके तो कोई भी समझ लेता है पर, ख़ामोशी कोई समझे तो मज़ा और है…
महफील मे हँसना मेरा मिजाज बन गया, तन्हाई मे रोना एक राज बन गया, दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर ना होने दिया, यही मेरे जीने का अंदाज बन गया…
कौन सा जख्म था जो ताजा ना था, इतना गम मिलेगा अंदाजा ना था, आपकी झील सी आँखों का क्या कसुर, डूबनेवाले को ही गहराई का अंदाजा ना था…
मौत मिलती है ना जिंदगी मिलती है, जिंदगी की राहो मे बेबसी मिलती है, रुला देते है क्यों मेरे अपने, जब भी मुझे कोई खुशी मिलती है…