भीगी आँखों से मुस्कुराने मे मज़ा और है,
हँसते हँसते पलके भिगाने मे मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझ लेता है पर,
ख़ामोशी कोई समझे तो मज़ा और है…
भीगी आँखों से मुस्कुराने मे मज़ा और है,
हँसते हँसते पलके भिगाने मे मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझ लेता है पर,
ख़ामोशी कोई समझे तो मज़ा और है…