कौन सा जख्म था जो ताजा ना था,
इतना गम मिलेगा अंदाजा ना था,
आपकी झील सी आँखों का क्या कसुर,
डूबनेवाले को ही गहराई का अंदाजा ना था…
कौन सा जख्म था जो ताजा ना था,
इतना गम मिलेगा अंदाजा ना था,
आपकी झील सी आँखों का क्या कसुर,
डूबनेवाले को ही गहराई का अंदाजा ना था…