Sar Par Hath Ho Maa Baap Ka To
लोग कहते है अगर हांथो की, लकीरे अधूरी हो तो, किस्मत अच्छी नहीं होती… लेकिन हम कहते है की, सर पर हाथ हो अगर, “माँ बाप” का तो, लकीरों की जरुरत नहीं होती…
लोग कहते है अगर हांथो की, लकीरे अधूरी हो तो, किस्मत अच्छी नहीं होती… लेकिन हम कहते है की, सर पर हाथ हो अगर, “माँ बाप” का तो, लकीरों की जरुरत नहीं होती…
एक बार जरूर पढे और अगर अच्छा लगे तो शेयर करे- एक छोटी बच्ची अपने पापा के साथ जा रही थी, एक पुल पर पानी बहुत तेजी से बह रहा था, पापा: बेटा डरो मत मेरा हाथ पकड लो.. बच्ची: नही पापा आप मेरा हाथ पकड लो.. पापा (मुस्कुरा कर बोले): दोनो मे क्या अंतर है? बच्ची: अगर मैं आपका हाथ पकड़ू और अचानक कुछ हो जाये तो शायद मैं आपका हाथ छोड दु, लेकिन अगर आप मेरा हाथ पकड़ेंगे तो मैं जानती हूँ, के चाहे कुछ भी हो जाये “आप मेरा हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे… “आज भी बच्चे हाथ छोड़ देते है, माँ-बाप नहीं” …
रुलाना हर किसी को आता है, हँसाना भी हर किसी को आता है, रुला के जो मना ले वो पापा है, और जो रुला के खुद भी रो पडे वही माँ है…
कभी हँसी तो कभी अनुशासन है पिता, कभी मौन तो कभी भाषण है पिता, माँ अगर घर में रसोई है, तो चलता है जिससे घर वो राशन है पिता…