कौन किसे दिल मे जगह देता है,
पेड भी सूखे पत्ते गिरा देता है,
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजों से,
दिल भर जाए तो हर कोई ठुकरा देता है…
कौन किसे दिल मे जगह देता है,
पेड भी सूखे पत्ते गिरा देता है,
वाकिफ है हम दुनिया के रिवाजों से,
दिल भर जाए तो हर कोई ठुकरा देता है…