वो मोहब्बत भी तेरी थी,
वो शरारत भी तेरी थी,
अगर कुछ बेवफाई थी,
तो वो बेवफाई भी तेरी थी,
हम छोड गए तेरा शहर,
तो वो हिदायत भी तेरी थी,
आखिर हम करते तो किससे करते तुम्हारी शिकायत,
वो शहर भी तुम्हारा था और अदालत भी तुम्हारी थी…
वो मोहब्बत भी तेरी थी,
वो शरारत भी तेरी थी,
अगर कुछ बेवफाई थी,
तो वो बेवफाई भी तेरी थी,
हम छोड गए तेरा शहर,
तो वो हिदायत भी तेरी थी,
आखिर हम करते तो किससे करते तुम्हारी शिकायत,
वो शहर भी तुम्हारा था और अदालत भी तुम्हारी थी…