नसीब मेरा मुझसे क्यों खफा हो जाता है,
अपना जिसको भी मानो बेवफा हो जाता है,
क्यों ना हो शिकायत मेरी नजरों को रात से,
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है…
नसीब मेरा मुझसे क्यों खफा हो जाता है,
अपना जिसको भी मानो बेवफा हो जाता है,
क्यों ना हो शिकायत मेरी नजरों को रात से,
सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है…