अपनी तक़दीर में तो कुछ
ऐसे ही सिलसिले लिखे है,
किसी ने वक्त गुजारने के लिए,
अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बनाकर
‘वक्त’ गुजार लिया…
अपनी तक़दीर में तो कुछ
ऐसे ही सिलसिले लिखे है,
किसी ने वक्त गुजारने के लिए,
अपना बनाया,
तो किसी ने अपना बनाकर
‘वक्त’ गुजार लिया…