हकीकत ना पूंछ मेरे फ़साने की,
तेरे जाते ही बदल गयी नज़र ज़माने की,
लोग पूछते है मैं खुश क्यों नहीं,
क्या कहूँ आदत थी तेरे संग मुस्कुराने की…
हकीकत ना पूंछ मेरे फ़साने की,
तेरे जाते ही बदल गयी नज़र ज़माने की,
लोग पूछते है मैं खुश क्यों नहीं,
क्या कहूँ आदत थी तेरे संग मुस्कुराने की…