Karte Kyo Nahi Tum Izhaar
करते नही इज़हार फिर क्यो करते हो तुम प्यार, नज़रों से बाते बहुत हुई अब लब से करो इकरार…
करते नही इज़हार फिर क्यो करते हो तुम प्यार, नज़रों से बाते बहुत हुई अब लब से करो इकरार…
एक फूल कभी दो बार नही खिलता, ये जनम बार बार नही मिलता, जिंदगी मे तो मिल जाते है हजारो लोग, मगर दिल से चाहनेवाला बार बार नही मिलता…
कैसे अपना बनाए, कोई इस काबील नही मिलता, यहा पत्थर बहुत मिलते है, पर दिल नही मिलता, ये दुनिया फरेबों की बस्ती है ए दोस्त, यहा सिर्फ दर्द मिलते है, हमदर्द नही मिलता…
मैंने कहा उनसे छोड दो या तोड दो मेरे दिलको, मुस्कुरा कर सितम ढाया उन्होंने, छोड तो दिया ही है तुमको, दिल तुम्हारा खुद-ब-खुद टूट जाएगा…!!