कैसे अपना बनाए, कोई इस काबील नही मिलता,
यहा पत्थर बहुत मिलते है, पर दिल नही मिलता,
ये दुनिया फरेबों की बस्ती है ए दोस्त,
यहा सिर्फ दर्द मिलते है, हमदर्द नही मिलता…
कैसे अपना बनाए, कोई इस काबील नही मिलता,
यहा पत्थर बहुत मिलते है, पर दिल नही मिलता,
ये दुनिया फरेबों की बस्ती है ए दोस्त,
यहा सिर्फ दर्द मिलते है, हमदर्द नही मिलता…