Insaan Bhi Kya Ajib Hai Dosto
डूबता है तो पानी को दोष देता है, गिरता है तो पत्थर को दोष देता है, इंसान भी क्या अजीब है दोस्तों, कुछ कर नहीं पाता तो किस्मत को दोष देता है !
डूबता है तो पानी को दोष देता है, गिरता है तो पत्थर को दोष देता है, इंसान भी क्या अजीब है दोस्तों, कुछ कर नहीं पाता तो किस्मत को दोष देता है !
याद करते है तुम्हे तन्हाई मे, दिल डूबा है ग़मो की गहराई मे, हमे मत ढूंढना दुनिया की भीड़ मे, हम मिलेंगे तुम्हे तुम्हारी परछाई मे…
आपसे दूर रहके भी आपको याद किया हमने, रिश्तों का हर फ़र्ज़ अदा किया हमने, मत सोचना की आपको भुला दिया हमने, आज फिर सोने से पहले आपको याद किया हमने… Good Night!
सितारों से भरी इस रात में, जन्नत से भी खूबसूरत ख्वाब आपको आये, इतनी हसीं हो आने वाली सुबह की, मांगने से पहले ही आपकी हर मुराद पूरी हो जाये… शुभ रात्री!