Usne Chod Diya Kahkar
मुस्कुराने की आदत भी, कितनी महंगी पड़ी हमको, उसने छोड़ दिया कहकर, तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो…
मुस्कुराने की आदत भी, कितनी महंगी पड़ी हमको, उसने छोड़ दिया कहकर, तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो…
कहना बहुत कुछ है, अलफाज भी जरा से कम है, खामोश सी तुम हो, गुमसुम से हम है…
जिस दिन चला गया मैं, अपनी राह बदलकर… वादा करता हूँ, फिर कभी पलटकर भी नहीं देखूंगा…
इरादा क़त्ल का था तो, मेरा सर कलम कर देते, क्यों इश्क में डालकर तूने, हर साँस पर मौत लिख दी…