Rishta Galatfahmi Se Toot Jata Hai
शीशा और रिश्ता दोनो ही बडे नाजुक होते है, दोनो में सिर्फ एक ही फर्क है, शीशा गलती से टूट जाता है, और रिश्ता गलतफहमी से टूट जाता है…
शीशा और रिश्ता दोनो ही बडे नाजुक होते है, दोनो में सिर्फ एक ही फर्क है, शीशा गलती से टूट जाता है, और रिश्ता गलतफहमी से टूट जाता है…
इंसान सब कुछ भूल सकता है, सिवाय उन लम्हों के जब उसे अपनों की जरुरत थी, और वो साथ नही थे…
ना दर्द ने किसी को सताया होता, ना आँखों ने किसी को रुलाया होता, खुशी ही खुशी होती हर किसी के पास, अगर बनानेवाले ने दिल ही ना बनाया होता…
हजारो दुःख सहती है माँ, फिर भी कुछ ना कहती है माँ…