Unki Talash Me Kadam Khud Hi Nikal Gaye
उनकी तलाश मे कदम खुद ही निकल गए, उनकी यादो मे अरमान पिघल गए, खोजा था उनको सारे जहाँ मे, लेकीन पलके बंद कि तो वो आँखों मे ही मिल गए…
उनकी तलाश मे कदम खुद ही निकल गए, उनकी यादो मे अरमान पिघल गए, खोजा था उनको सारे जहाँ मे, लेकीन पलके बंद कि तो वो आँखों मे ही मिल गए…
फूल बनकर मुस्कुराना जिंदगी है, मुस्कुराकर गम भुलाना जिंदगी है, मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुवा, बिना मिले दोस्ती निभाना ही जिंदगी है…
बडी हिम्मत दी है उनकी जुदाई ने, ना ही किसी को खोने का डर है, ना ही किसी को पाने की चाह…
कौन सा जख्म था जो ताजा ना था, इतना गम मिलेगा अंदाजा ना था, आपकी झील सी आँखों का क्या कसुर, डूबनेवाले को ही गहराई का अंदाजा ना था…