मस्ती “दोस्तों” मे होती है “लाइफ” मे नही,
भक्ती “मन” मे होती है “मंदिर” मे नही,
आप भी जान लो, दोस्ती “SMS” करने से बढती है,
“SMS” पढने से नही…
मस्ती “दोस्तों” मे होती है “लाइफ” मे नही,
भक्ती “मन” मे होती है “मंदिर” मे नही,
आप भी जान लो, दोस्ती “SMS” करने से बढती है,
“SMS” पढने से नही…