किसी को बुरा मत बोलिए और,
किसी को अच्छा बोले बगैर मत रहिए!
आलोचना एक ऐसा ज़हर है,
जिसे कोई पीना नहीं चाहता और,
प्रशंसा एक ऐसा माधुर्य है,
जिसे हर कोई पीना पसंद करता है!
किसी को बुरा मत बोलिए और,
किसी को अच्छा बोले बगैर मत रहिए!
आलोचना एक ऐसा ज़हर है,
जिसे कोई पीना नहीं चाहता और,
प्रशंसा एक ऐसा माधुर्य है,
जिसे हर कोई पीना पसंद करता है!