जिंदगी के
किसी भी मोड़ पर,
‘आप’वही करना,
जो ‘आपका’ ‘दिल’
आपसे कहे,
क्योंकि जो ‘दिमाग’ कहता है,
वो’ मज़बूरी’ होती है,
और जो दिल कहता है,
वो ‘मंजूरी’ होती है…
जिंदगी के
किसी भी मोड़ पर,
‘आप’वही करना,
जो ‘आपका’ ‘दिल’
आपसे कहे,
क्योंकि जो ‘दिमाग’ कहता है,
वो’ मज़बूरी’ होती है,
और जो दिल कहता है,
वो ‘मंजूरी’ होती है…