Maa Bhagwaan Ka Roop Hai
“भगवान हर जगह नहीं हो सकता है, और इसलिए उसने माता को बनाया”
“भगवान हर जगह नहीं हो सकता है, और इसलिए उसने माता को बनाया”
माँ तो जन्नत का फूल है, प्यार करना उसका उसूल है, दुनिया की मोहब्बत फिजूल है, माँ की हर दुआ कबूल है, माँ को नाराज करना इंसान तेरी भूल है, माँ के कदमो की मिटटी जन्नत की धूल है…
लबों पर उसके कभी बददुवा नहीं होती, बस एक माँ है जो कभी खफा नहीं होती…
माँ आपकी याद सताती है मेरे पास आ जाओ, थक गया हूँ मुझे अपने आँचल में छुपा लो, हाँथ अपना फेर के मेरे बालों में, एक बार फिर से बचपन की लोरिया सुना दो…