Mushkil Hai Ab In Labo Ka Kabhi Muskura Paana
मुश्किल है अब इन लबों का कभी मुस्कुरा पाना, मुश्किल है अब इस दिल का किसी के लिए धड़क पाना, छलकते है सिर्फ आँसू इन आखों से, अब तो मुश्किल है इनमे किसी के लिए सपने सजाना…
मुश्किल है अब इन लबों का कभी मुस्कुरा पाना, मुश्किल है अब इस दिल का किसी के लिए धड़क पाना, छलकते है सिर्फ आँसू इन आखों से, अब तो मुश्किल है इनमे किसी के लिए सपने सजाना…
तुमको छुपा रखा है इन पलकों में मैंने, लेकीन इन को यह बताना अभी तक नहीं आया, सोते वक़्त भीग जाती है पलके मेरी ए दोस्तों, लेकीन पलकों को अभी तक दर्द छुपाना नहीं आया!
जादू है तेरी हर एक बात में, याद बहुत आते हो दिन और रात में कल जब देखा था मैने सपना रात में तब भी आपका ही हाथ था मेरे हाथ में…
लिखो तो पैगाम ऐसा लिखो कि, कलम रोने को मजबूर हो जाये, हर लब्जमे दर्द ऐसा भरो कि, पढने वाला मिलने को मजबूर हो जाये…