Ye Dil Tujhko Na Bhool Payega
नम हैं आँखे मेरी, मगर एक भी आंसू बह ना पायेगा, ये दिल भी कितना दगाबाज़ है यारो, खुद को भूल जायेगा, मगर तुझे ना भूल पायेगा!
नम हैं आँखे मेरी, मगर एक भी आंसू बह ना पायेगा, ये दिल भी कितना दगाबाज़ है यारो, खुद को भूल जायेगा, मगर तुझे ना भूल पायेगा!
“दर्द” हमको हमेशा “अपने” ही देते हैं, वरना… गैरो को क्या पता, आपको “तकलीफ” किस बात से होती हैं…
स्कूल का वो बैग, फिर से थमा दे माँ.. यह जिंदगी का बोझ, उठाना मुश्किल है…
एक और ज़िन्दगी मांग लो खुदा से, ये वाली तो दफ्तर में ही कट जानी है, न ख़ुशी खरीद पाता हूँ, न ही गम बेच पाता हूँ, फिर भी ना जाने क्योँ मैं हर रोज कमाने जाता हूँ…