Tumhari Zidd Ki Aadat
टूट जाएगी तुम्हारी ज़िद्द की आदत उस दिन.. जब पता चलेगा याद करने वाला, अब खुद ही याद बन गया है…
टूट जाएगी तुम्हारी ज़िद्द की आदत उस दिन.. जब पता चलेगा याद करने वाला, अब खुद ही याद बन गया है…
किस तरह खत्म कर सकते हैं, उनसे रिश्ता “ऐ ज़िन्दगी” जिनको सिर्फ देखने से हम, दुनिया को भूल जाते है…
ये मत सोचना की हम जुदा हो गए तुझसे, बस तेरी ख़ुशी की खातिर तुझसे बात नहीं करते…
वो नाराज है हमसे की हम कुछ लिखते नहीं, कहा से लाये लफ्ज़ जब हमको मिलते नहीं, दर्द की जुबान होती तो बता देते शायद, वो जख्म कैसे दिखाए जो दीखते नहीं…