Jinke Ghar Me Mata-Pita Ko Sthan Nahi
पता नहीं कैसे पत्थर की मूर्ति के लिए जगह बना लेते है घर में वो लोग, जिनके घर में माता-पिता के लिए, कोई स्थान नहीं होता…
पता नहीं कैसे पत्थर की मूर्ति के लिए जगह बना लेते है घर में वो लोग, जिनके घर में माता-पिता के लिए, कोई स्थान नहीं होता…
जो शुभ कार्य आज कर सकते हो, उसे कल पर ना छोड़ो.. कौन जाने कल कब आये, आये भी तो ना जाने उस समय परिस्थितियाँ कैसी हो?
वह जो हमारे चिंतन में रहता है वह करीब है, भले ही वास्तविकता में वह बहुत दूर ही क्यों ना हो लेकिन, जो हमारे हृदय में नहीं है वो करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है!
जुबान पे लगी चोट तो जल्दी ठीक हो जाती है, पर जुबान से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती…