वह जो हमारे चिंतन में
रहता है वह करीब है,
भले ही वास्तविकता में वह बहुत
दूर ही क्यों ना हो लेकिन,
जो हमारे हृदय में नहीं है वो
करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है!
वह जो हमारे चिंतन में
रहता है वह करीब है,
भले ही वास्तविकता में वह बहुत
दूर ही क्यों ना हो लेकिन,
जो हमारे हृदय में नहीं है वो
करीब होते हुए भी बहुत दूर होता है!