Apna Bewafa Ho Jata Hai

नसीब मेरा मुझसे क्यों खफा हो जाता है, अपना जिसको भी मानो बेवफा हो जाता है, क्यों ना हो शिकायत मेरी नजरों को रात से, सपना पूरा होता नहीं और सवेरा हो जाता है…

Usne Chod Diya Kahkar

मुस्कुराने की आदत भी, कितनी महंगी पड़ी हमको, उसने छोड़ दिया कहकर, तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो…

Kahna Bahut Kuch Hai

कहना बहुत कुछ है, अलफाज भी जरा से कम है, खामोश सी तुम हो, गुमसुम से हम है…

Jis Din Chala Gaya Mai

जिस दिन चला गया मैं, अपनी राह बदलकर… वादा करता हूँ, फिर कभी पलटकर भी नहीं देखूंगा…