फुरसत किसे है जख्मों पे मरहम लगाने की,
निगाहें बदल गई अपने और बेगाने की,
तु ना छोडना दोस्ती का हाथ वरना,
तमन्ना मिट जाएगी कभी दोस्त बनाने की…
फुरसत किसे है जख्मों पे मरहम लगाने की,
निगाहें बदल गई अपने और बेगाने की,
तु ना छोडना दोस्ती का हाथ वरना,
तमन्ना मिट जाएगी कभी दोस्त बनाने की…