कुछ रिश्ते “रब” बनाता है,
कुछ रिश्ते “लोग” बनाते है..
पर कुछ लोग बिना किसी रिश्ते के रिश्ते निभाते है,
शायद वही “दोस्त” कहलाते है…
कुछ रिश्ते “रब” बनाता है,
कुछ रिश्ते “लोग” बनाते है..
पर कुछ लोग बिना किसी रिश्ते के रिश्ते निभाते है,
शायद वही “दोस्त” कहलाते है…