ज़िंदगी सपनों की नहीं हक़ीक़त की जिया करो,
क्यों की सपनों मे सिर्फ फूल खिला करते है,
वो फूल तुम्हे क्या ज़िन्दगी देंगे,
जो खुद दो दिन जिया करते है…
ज़िंदगी सपनों की नहीं हक़ीक़त की जिया करो,
क्यों की सपनों मे सिर्फ फूल खिला करते है,
वो फूल तुम्हे क्या ज़िन्दगी देंगे,
जो खुद दो दिन जिया करते है…