वो कहीं भी रहे सर पे उसके इलज़ाम तो है,
उसके हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है,
वो मुझे अपना बनाये या न बनाये,
ज़माने में मेरे नाम से वो बदनाम तो है…!
वो कहीं भी रहे सर पे उसके इलज़ाम तो है,
उसके हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो है,
वो मुझे अपना बनाये या न बनाये,
ज़माने में मेरे नाम से वो बदनाम तो है…!