तुम्हारी आँखों से काश कोई इशारा तो होता
कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता
तोड़ देते हम हर रसम ज़माने की
एक बार ही सही तुमने पुकारा तो होता…
तुम्हारी आँखों से काश कोई इशारा तो होता
कुछ मेरे जीने का सहारा तो होता
तोड़ देते हम हर रसम ज़माने की
एक बार ही सही तुमने पुकारा तो होता…