ज़िन्दगी जैसे एक सजा सी हो गई है,
ग़म के सागर में इस क़दर खो गई है,
तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी,
मुझे शायद तुम्हारी आदत सी हो गई है…
ज़िन्दगी जैसे एक सजा सी हो गई है,
ग़म के सागर में इस क़दर खो गई है,
तुम आ जाओ वापिस यह गुज़ारिश है मेरी,
मुझे शायद तुम्हारी आदत सी हो गई है…