आज फिर से उदासी छायी है,
तन्हाई मे बैठे याद आप की आयी है,
इन पलकों को बंद कैसे कर लूँ,
इन आँखों मे तस्वीर जो आप की समायी है…
आज फिर से उदासी छायी है,
तन्हाई मे बैठे याद आप की आयी है,
इन पलकों को बंद कैसे कर लूँ,
इन आँखों मे तस्वीर जो आप की समायी है…