तन्हाई का ये आलम है,
रोने को दिल करता है…
रो कर थक जाते है,
तो मरने को दिल करता है…
लेकिन मरे भी तो कैसे,
कोई है जिसके लिए
जीने को दिल करता है…
तन्हाई का ये आलम है,
रोने को दिल करता है…
रो कर थक जाते है,
तो मरने को दिल करता है…
लेकिन मरे भी तो कैसे,
कोई है जिसके लिए
जीने को दिल करता है…