तक़दीर के खेल से नाराज नहीं होते,
जिंदगी में कभी उदास नहीं होते,
हांथो की लकीरों पे यकीन मत करना,
तक़दीर तो उनकी भी होती है,
जिन के हाथ ही नहीं होते…
सुप्रभात!
तक़दीर के खेल से नाराज नहीं होते,
जिंदगी में कभी उदास नहीं होते,
हांथो की लकीरों पे यकीन मत करना,
तक़दीर तो उनकी भी होती है,
जिन के हाथ ही नहीं होते…
सुप्रभात!