Mehfil Main Kuch To Sunana Padta Hai
मेहफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता है, ग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता है, कभी उनके हम भी थे दोस्त, आज कल उन्हे याद दिलाना पडता है…
मेहफिल मैं कुछ तो सुनाना पडता है, ग़म छुपाकर मुस्कुराना पडता है, कभी उनके हम भी थे दोस्त, आज कल उन्हे याद दिलाना पडता है…