Krodh Me Sach Nahi Dikhta
खौलते हुए पानी में जिस तरह प्रतिबिम्ब नहीं देखा जा सकता है, उसी तरह क्रोध की स्थिति में सच को नहीं देखा जा सकता है…
खौलते हुए पानी में जिस तरह प्रतिबिम्ब नहीं देखा जा सकता है, उसी तरह क्रोध की स्थिति में सच को नहीं देखा जा सकता है…