न जाने सालों बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे…
न जाने सालों बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा,
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे,
जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे…