Kah De Ki Ham Tere Kabil Nahi
मेरी निगाहो में देखकर कह दे की, हम तेरे काबिल नहीं.. कसम तेरी चलती सांसो की, हम तुम्हे देखना तक छोड़ देंगे!
मेरी निगाहो में देखकर कह दे की, हम तेरे काबिल नहीं.. कसम तेरी चलती सांसो की, हम तुम्हे देखना तक छोड़ देंगे!
तमन्ना-ए-इश्क तो हम भी रखते है, किसी के दिल में हम भी धड़कते है, न जाने हमें वो कब मिलेंगे, जिसके लिए हम रोज़ तड़पते है..!!
हम मोहब्बत में भी, बराबरी का हिसाब रखते है जनाब.. उसने हमें रुला दिया तो, हमने भी उसे भुला दिया…
किसी ने क्या खूब कहा है, अकड़ तो सब में होती है, झुकता वही है, जिसे रिश्ते की फिक्र होती है…