Vyavhar Aur Shabd Sahi Ho
कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नहीं आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही, लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है…
कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नहीं आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही, लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है…
जब पति ने अपना पसीना पत्नी के दुपट्टे से पोछना चाहा तो पत्नी बोली: “दुपट्टा गन्दा न करो” जब पति ने अपना पसीना माँ के दुपट्टे से पोछना चाहा तो माँ बोली, “ये गन्दा है रुको साफ़ करके देती हूँ”
गरीब से करीब का रिश्ता भी छुपाते है लोग.. और अमीरो से दूर का रिश्ता भी बढ़ा-चढ़ा कर बताते है लोग.. चाहे कितना भी कमा लो लेकिन कभी घमंड न करना, क्योंकि शतरंज का खेल ख़त्म होते ही राजा और मोहरे एक ही डिब्बे में रख दिए जाते है…!
मुद्दतों के बाद किसी ने पूछा, “कहा रहते हो” मैंने मुस्कुरा कर कहा, “अपनी औकात में…”