Nashib Nehmi Tyalach Saath Dete
नशिबाला एक वाईट सवय असते, ते नेहमी त्यालाच साथ देते कि, जो त्याच्यावर कधीच अवलंबून नसतो…
नशिबाला एक वाईट सवय असते, ते नेहमी त्यालाच साथ देते कि, जो त्याच्यावर कधीच अवलंबून नसतो…
एक दिन सागर ने नदी से पूछा की, कब तक मिलती रहोगी, मुझ खारे पानी से! नदी ने हँसकर कहा, जब तक तुझमे मिठास न आ जाये!
अर्ज है: रोज रोज वजन नापकर क्या करना है, एक दिन तो सबने मरना है, चार दिन की है जिंदगी, खा लो जी भर के, अगला जन्म फिर ३ किलो से शुरू करना है…! ☺ ☺ ☺
पति: ये कैसा खाना बनाया तुमने, बिलकुल गोबर जैसा..? पत्नी: हे भगवान, इस आदमी ने हर चीज चख रख्खी है…!