Mat Raho Khafa Zindagi Se
मत फेंक पानी मे पत्थर, उसे भी कोई पिता है, मत रहो खफा जिंदगी से, तुम्हे देखकर भी कोई जीता है…
मत फेंक पानी मे पत्थर, उसे भी कोई पिता है, मत रहो खफा जिंदगी से, तुम्हे देखकर भी कोई जीता है…
तुझे भुलकर भी ना भूल पाएंगे हम, बस यही एक वादा निभा पाएंगे हम, मिटा देंगे खुद को भी जहाँ से लेकीन, तेरा नाम दिल से ना मिटा पाएंगे हम…
बरसो बाद भी जिद की वो आदत ना बदली उनकी, ए खुदा, काश की हम मोहब्बत नही उनकी जिद होते…
वक्त से लडकर जो नसीब बदल दे, इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे, कल क्या होगा कभी ना सोचो, क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर ही बदल दे…